Sunday, October 18, 2009

सरसों



अपनी हथेली पर जमा लू
तेरे विश्वाश की सरसों
खिले जिस पर
मुहब्बत के पीले फुल
महक उठे सारी जिन्दगी
जिसकी कोमल सुगंध से |

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